Homeराज्यछत्तीसगढ़मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ की पहली महिला सांसद मिनीमाता की पुण्यतिथि...

मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ की पहली महिला सांसद मिनीमाता की पुण्यतिथि पर उनके अविस्मरणीय योगदान को किया नमन

रायपुर
 मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद और महान समाजसेविका स्वर्गीय मिनीमाता जी की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका जीवन निस्वार्थ सेवा, अटूट साहस और सामाजिक परिवर्तन का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने कहा कि मिनीमाता जी ने वंचित वर्गों, महिलाओं, दलितों और गरीबों के अधिकारों की रक्षा को अपने जीवन का उद्देश्य बनाया और समाज में सम्मान, समानता एवं न्याय की नींव मजबूत की।

मुख्यमंत्री साय ने स्मरण किया कि संसद में अपने कार्यकाल के दौरान मिनीमाता जी ने बाल विवाह, दहेज प्रथा और छुआछूत जैसी सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध सशक्त और निर्भीक स्वर उठाया। उन्होंने मजदूरों के अधिकारों की रक्षा, महिला शिक्षा के प्रसार और सामाजिक समानता की स्थापना के लिए जो योगदान दिया, वह इतिहास के स्वर्णिम अध्यायों में दर्ज है। उनकी सादगी, संवेदनशीलता और सेवाभाव ने उन्हें जनमानस में अमिट स्थान दिलाया।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि मिनीमाता जी की विचारधारा केवल अतीत की धरोहर नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के वर्तमान और भविष्य के लिए प्रकाशस्तंभ की तरह है। उन्होंने आह्वान किया कि हम सभी उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर, भाईचारे, समानता और न्याय पर आधारित एक सशक्त, समावेशी और प्रगतिशील छत्तीसगढ़ के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएँ।मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ की पहली महिला सांसद मिनीमाता  की पुण्यतिथि पर उनके अविस्मरणीय योगदान को किया नमन

रायपुर, 11 अगस्त 2025/ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद और महान समाजसेविका स्वर्गीय मिनीमाता जी की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका जीवन निस्वार्थ सेवा, अटूट साहस और सामाजिक परिवर्तन का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने कहा कि मिनीमाता जी ने वंचित वर्गों, महिलाओं, दलितों और गरीबों के अधिकारों की रक्षा को अपने जीवन का उद्देश्य बनाया और समाज में सम्मान, समानता एवं न्याय की नींव मजबूत की।

मुख्यमंत्री साय ने स्मरण किया कि संसद में अपने कार्यकाल के दौरान मिनीमाता जी ने बाल विवाह, दहेज प्रथा और छुआछूत जैसी सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध सशक्त और निर्भीक स्वर उठाया। उन्होंने मजदूरों के अधिकारों की रक्षा, महिला शिक्षा के प्रसार और सामाजिक समानता की स्थापना के लिए जो योगदान दिया, वह इतिहास के स्वर्णिम अध्यायों में दर्ज है। उनकी सादगी, संवेदनशीलता और सेवाभाव ने उन्हें जनमानस में अमिट स्थान दिलाया।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि मिनीमाता जी की विचारधारा केवल अतीत की धरोहर नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के वर्तमान और भविष्य के लिए प्रकाशस्तंभ की तरह है। उन्होंने आह्वान किया कि हम सभी उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर, भाईचारे, समानता और न्याय पर आधारित एक सशक्त, समावेशी और प्रगतिशील छत्तीसगढ़ के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएँ।

RELATED ARTICLES

हमसे जुड़ें

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe