Homeराज्यछत्तीसगढ़पटवारी का खेला, सुशासन तिहार पर लगाया दाग

पटवारी का खेला, सुशासन तिहार पर लगाया दाग

पटवारी का खेला, सुशासन तिहार पर लगाया दाग

 मुख्यमंत्री के निर्देशों की धज्जियां उड़ता राजस्व अमला

रायपुर

प्रदेश में एक तरफ जहां मुख्यमंत्री सुशासन तिहार के माध्यम से अपनी सरकार की छवि को जनता के सामने पूरी पारदर्शिता के साथ सुदृढ़ करने में पिछले 1 माह से पूरे प्रदेश भर में दौरा कर रहे है। वही दूसरी ओर कुछ कर्मचारियों पर मुख्यमंत्री के कड़े निर्देशो का कोई असर देखने को नही मिल रहा है।

यह पूरा मामला कोरिया जिले के ग्राम पंचायत बंजारीडाँड़ का है जहां एक आवेदक ने बताया कि उसकी निजी भूमि को हल्का पटवारी की संलिप्तता में बेगैर उसके संज्ञान में लाये उस भूमि में सह खातादार का नाम जोड़ा गया। जबकि यह भूमि उसके पुस्तैनी न होकर उसकी स्वयम की थी। इसकी शिकायत पीड़ित ने जिला कलेक्टर, एंव अन्य सम्बंधित कार्यालयों में किया है. लिखित आवेदन में पीड़ित ने बताया कि उसकी स्वमीत्व की भूमि जिसका खसरा क्रमांक 516/1, 688,702,और 723 जिसका कुल रकबा क्रमांक 2.250 हेक्टर पर बेगैर उसकी जानकारी के स्थानीय पटवारी की मिलीभगत से  विक्रय करने का प्रयास किया गया है। आरोप है कि यह पूरा खेल  राजस्व कर्मचारियों की मिलीभगत से खेला गया।

अब सवाल ये उठता है कि इतना बड़ा अपराध वह भी विभागीय एक राजस्व कर्मचारी के द्वारा कैसे किया गया। जिन्हें राजस्व कानून की पूर्ण जानकारी हो,
क्या किसी की निजी भूमि पर सहखातेदार का नाम जोड़ना वह भी उसके बेगैर जानकारी के फ़र्ज़ी हस्ताक्षर का सहारा लेकर  यह मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशों का खुला उल्लंघन नही ?

ज्ञात हो मुख्यमंत्री का पूरे प्रदेश दौरा लगातार जारी है और वे विभिन्न क्षेत्रों में जाकर अधिकारियों द्वारा जनता की हर छोटी सी छोटी समस्या का निदान कराने में कोई कसर नही छोड़ रहे साथ ही इस दौरान किसी अधिकारी एंव कर्मचारियों की शिकायत मिलने पर उन पर तात्कालिक कार्यवाही करने का लगातार निर्देश जारी कर रहे है मगर इसके ठीक विपरीत कार्यवाही के बिना डर भय के एक पटवारी का नियमो का खुला उल्लंघन करके कृत्य करना यह दिखलाता है कि मुख्यमंत्री के ऐसे निर्देश से उन्हें कोई फर्क नही पड़ता,

अब देखना यह होगा कि क्या जिला केलक्टर एंव सम्बंधित अधिकारियों द्वारा पटवारी की मिलीभगत से किये गए गैर कानूनी कृत्य पर क्या कार्यवाही की जाती है, क्या पीड़ित को न्याय मिल पाता है।

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