Homeराज्यछत्तीसगढ़पीएम आवास: यह सिर्फ पक्का मकान ही नहीं है, बुढ़ापे का सहारा...

पीएम आवास: यह सिर्फ पक्का मकान ही नहीं है, बुढ़ापे का सहारा भी है….

रायपुर: जंगलों के बीच कच्चे मकान में बसर कर रही छेरकीन बाई को लगता था कि एक दिन वे लोग भी पक्के मकान में निवास करेंगे। घर की गरीबी और परिस्थितियों ने ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया कि पक्का आवास का सपना महज सपना ही रह गया। वक्त के साथ छेरकीन बाई अकेली ही अपनी झोपड़ी में रह गई। बच्चे भी नहीं थे।

बुढ़ापे में बाल पक गए, उम्मीदें टूट गई और इन टूटे हुए उम्मीदों के बीच उन्हें बारिश के दिनों समस्याओं से जूझना पड़ता था। इस बीच प्रधनमंत्री आवास योजना में उनका नाम चयन होने के बाद जब पक्के मकान के लिए पहली किस्त मिली तो वृद्धा छेरकीन बाई ने अपने सगे संबंधियों की मदद से मकान तैयार करा लिया। अब जबकि बारिश का माहौल है, तब भी छेरकीन बाई को छत से पानी टपकने और खपरैल ठीक कराने की समस्याओं से दो चार होना नहीं पड़ता।

कोरबा विकासखण्ड अंतर्गत वनांचल ग्राम केराकछार की रहने वाली छेरकीन बाई ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास में नाम आने के बाद उन्होंने अपने घर के पास रहने वाले अन्य रिश्तेदारों के साथ ही अपना भी मकान बनवा लिया है। बारिश की वजह से अभी प्लास्टर का काम शेष है। आने वाले दिनों में प्लास्टर का काम भी पूरा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि मकान बनकर तैयार है, और बारिश में वह इसी पक्के मकान में ही रह रही है।

वृद्धा छेरकीन बाई ने बताया कि गरीबी की वजह से पक्का मकान बना पाना हमारे वश में नहीं था। घर में अकेली होने की वजह से कच्चे मकान में बारिश के दिनों में होने वाली परेशानियों से जूझना पड़ता था। वह तो पक्के मकान का उम्मीद छोड़ भी चुकी थी, लेकिन पीएम आवास में नाम आने के बाद उनकी टूटी हुई उम्मीद पूरी हो गई। उन्होंने बताया कि अपने नाती को गोद ली है और अब वे ही उनका देख-रेख करते हैं। छेरकीन बाई ने पीएम आवास के रूप में पक्का मकान मिलने पर कहा कि यह योजना हम जैसी गरीब और बेसहाराओं के लिए वरदान से कम नहीं। यह पक्का मकान ही नहीं है, हमारा सहारा होने के साथ हमें अनेक मुसीबतों से बचाने और आने वाले दिनों में खुशियों का पल भी है, इसलिए देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को धन्यवाद भी करना चाहती हूं।

RELATED ARTICLES

हमसे जुड़ें

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe