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स्कूली बच्चों की परेशानियों पर बाल आयोग सख्त: बस्ते के बोझ और शौचालय सुविधा पर कलेक्टर-एसपी को निर्देश

सरगुजा

अंबिकापुर शहर सहित छत्तीसगढ़ के स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को लेकर गाइडलाइन जारी की गई है, स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के शौचालय जाने से लेकर उनके अधिकार और स्कूली बैग के वजन को लेकर राज्य बाल संरक्षण आयोग ने प्रदेश के सभी कलेक्टर, एसपी और शिक्षा अधिकारी को आदेश जारी किया गया है, लेकिन इन आदेशों के परिपालन को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी ने कोई जांच कमेटी का गठन नहीं किया है.

अधिवक्ता व समाजसेविका शिल्पा पाण्डेय ने प्रेस वार्ता कर बताया कि विभिन्न विद्यालयों से शिकायत मिल रही थी कि छोटे बच्चों को कक्षा के दौरान शौचालय जाने से वंचित किया जा रहा है, साथ ही बच्चों के बस्ते का वजन भी निर्धारित मापदंड से अधिक रखा गया है. और तो और सप्ताह में एक दिन स्कूलों में होने वाला बैग लेस डे का पालन भी नहीं किया जा रहा है. इस पर उन्होंने राज्य बाल संरक्षण आयोग को पत्र लिखकर स्कूलों में नियमों का पालन करने की मांग की थी.

शिल्पा पाण्डेय ने बताया कि कक्षा पहली से लेकर दूसरी तक के बच्चों के बस्ते का वजन डेढ़ से 2 किलो, तीसरी से पांचवी तक अधिकतम ढाई से 3 किलो, छठवीं से आठवीं तक 4 किलो और कक्षा नौवीं से दसवीं तक अधिकतम 5 किलो वजन निर्धारित किया गया है. इसके साथ ही कक्षा पहली और दूसरी में गृह कार्य होमवर्क पर पूर्णता निषद्ध की गई है. लेकिन इन नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है.

शिल्पा पाण्डेय के पत्र पर संज्ञान में लेते हुए राज्य बाल संरक्षण आयोग के द्वारा प्रदेश के सभी कलेक्टर एसपी और जिला शिक्षा अधिकारी को आदेश जारी कर नियमों का पालन करने निर्देशित किया है, जिसमें स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को शौचालय जाने से नहीं रोकने और बस्ते का वजन निर्धारित मापदंड अनुसार करने की बात कही गई है. लेकिन आदेशों का पालन हो रहा है या नहीं इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी ने कोई जांच कमेटी का गठन नहीं किया है.

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