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सौ रुपये में बिकी करोड़ों की जमीन! पूर्व मंत्री की पत्नी पर एसीबी का शिकंजा

कोटा

जिले में सांगोद विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत कुंदनपुर की तत्कालीन सरपंच मीना कंवर और ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ पद के दुरुपयोग और अनियमितता का मामला भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पास पहुंच गया है। सांगोद के उप प्रधान ओम नागर अडूसा ने मामले को लेकर राज्य सरकार को शिकायत की थी। जांच के उपरांत अतिरिक्त आयुक्त एवं शासन उपसचिव इंद्रजीत सिंह ने एसीबी को मामला भेजा। कुंदनपुर में पिछले 10 वर्षों से मीना कंवर सरपंच हैं, जो पूर्व मंत्री भरत सिंह की पत्नी हैं।

सांगोद प्रधान जयवीर सिंह अमृतकुआं और उप प्रधान ओम नागर अडूसा ने मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए मामले की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत कुंदनपुर, पंचायत समिति सांगोद के ग्राम अडूसा में विवादित भूमि (खसरा नंबर 317, क्षेत्रफल 0.07 हैक्टेयर) पर विधायक कोष से गलत स्वीकृति लेकर निर्माण कराने, चारागाह भूमि पर पट्टे जारी करने और सरपंच के 10 वर्ष के कार्यकाल की जांच के बाद ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने तत्कालीन सरपंच के खिलाफ एसीबी में मामला दर्ज कराया।

ग्राम पंचायत कुंदनपुर की सरपंच मीना कंवर ने ग्राम किशनपुरा की चारागाह भूमि को आबादी में परिवर्तित कर वर्ष 2021 में बेशकीमती भूमि पर एक ही परिवार के 3 सदस्यों समेत 4 लोगों को 100 रुपए की दर से पट्टे जारी कर दिए, जबकि यह पट्टे डीएलसी दर पर जारी होने चाहिए थे। इससे राज्य सरकार को राजस्व हानि हुई। जिन व्यक्तियों को पट्टे जारी किए गए उनमें लक्ष्मण राजपूत, ईश्वर राजपूत, अर्जुन राजपूत और दिनेश धाकड़ शामिल हैं, जिन्होंने आवंटित भूमि से अधिक क्षेत्र पर अतिक्रमण कर मकान और दुकानें बना लीं। विभाग ने इन पट्टों को निरस्त करने की अनुशंसा की है।

इसी तरह ग्राम अडूसा में विवादित भूमि (खसरा नंबर 317, 0.07 हैक्टेयर) पर विधायक कोष से गलत स्वीकृति लेकर निर्माण कराया गया, जो नियमों के विपरीत था। ग्राम कुंदनपुर में सांगोद–पलायथा मेन रोड पर नर्सरी भवन सूरज चौक का निर्माण भी अनियमित पाया गया। यह भवन आबादी भूमि के साथ-साथ निजी खातेदारी भूमि पर भी बनाया गया, जबकि पुरानी नर्सरी की चारदीवारी और एक कमरा जो कि 35-40 वर्ष पुराना था, उसे तोड़कर सामुदायिक उपयोग में ले लिया गया।

 

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